दयालु कछुआ


बहुत समय पहले की बात है, कुछ व्यापारी समुद्री यात्रा 

पर निकले। अचानक ही समुद्र में तूपफान आ गया और 

उनका जहाज पानी में हिचकोले खाने लगा। जहाज तूपफान 

को सह नहीं पाया और पानी में डूब गया। व्यापारी पानी 

में हाथ-पैर मारते हुए, जान बचाने की कोशिश करने 

लगे। 

एक कछुए ने उन्हें इस हालत में देखा। उसने पफैसला 

किया कि वह उनकी मदद करेगा। वह व्यापारियों के पास 

गया और उन्हें कहा कि वे उसकी पीठ पर बैठ जाएं। 

व्यापारी उसकी पीठ पर बैठ गए और वह उन्हें समुद्र के 

किनारे तक सुरक्षित ले गया। व्यापारियों ने कछुए को उनकी 

जान बचाने के लिए ध्न्यवाद दिया।



कुछ ही देर बाद, व्यापारियों को भूख लगने लगी। वे 

आपस में बात करने लगे कि वहां खाने के लिए क्या प्रबंध् 

हो सकता था। कछुआ उनकी सारी बात सुन रहा था। उसे 

उन पर बहुत तरस आया और उसने अपने प्राण बलिदान 

करने का पफैसला लिया। वह व्यापारियों के पास जा कर 

बोला, फ्तुम लोग मुझे पका कर अपना पेट भर सकते 

हो।य्

व्यापारी उसकी बात सुन कर पिघल गए। उन्होंने उससे 

कहा, फ्कछुए भाई! हम तुम्हें नहीं मार सकते क्योंकि तुमने 

हम सबके प्राण बचाए हैं।य् इतना कह कर, वे कछुए की 

पीठ थपथपा कर आगे चल दिए।




       #हिंदीstory, 

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