ढोल बजाने वाले एक ढोल वाला और उसका बेटा एक मेले में गए । वहां वे ढोल बजा कर कुछ पैसे कमाना चाहते थे । उन्होंने वहां ढोल बजा कर लोगों का बहुत मनोरंजन किया और बहुत सा पैसा भी कमाया । लोगों को उनकी धुनें बहुत भाई । जब वे घर लौट रहे थे तो रास्ते में एक जंगल आया । उस जंगल में बहुत से चोर रहते थे । लड़के ने सोचा , “ मैं जोर - जोर से ढोल बजाऊंगा । जिसकी आवाज सुन कर चोर डर कर भाग जाएँगे । " वह जोर - जोर से ढोल बजाने लगा पर उसके पिता ने कहा , " ढोल इस तरह बजाओ ताकि चोरों को लगे कि कोई शाही जुलूस बहुत भारी सुरक्षा के साथ जा रहा है । "
पर लड़के ने अपने पिता की बात अनुसनी कर दी और वह पहले की तरह जोर - जोर से ढोल बजाता रहा । चोर यह आवाज सुन कर ही पहचान गए कि यह कोई राजा का जुलूस नहीं था । वे जल्द ही वहां आ पहुंचे । उन्होंने पिता व बेटे पर हमला कर दिया । उनका सारा धन लूट लिया गया । पिता को बहुत गुस्सा आया । उसने अपने बेटे से कहा , " अगर तुमने मेरी बात मानी होती तो आज हमारे साथ यह सब न होता । " बेटा अपनी गलती पर पछता रहा था पर अब कुछ नहीं हो सकता था ।
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